

उत्तरप्रदेश / बागपत -: यह मामला पुलिसिया अत्याचार, झूठे मुकदमों और व्यक्तिगत दुश्मनी की एक भयावह कहानी को दर्शाता है। पीड़ित और उसके परिवार को न केवल धमकाया गया, बल्कि झूठे आरोप लगाकर फंसाने की साजिश रची गई। इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों और अन्य व्यक्तियों द्वारा कानून का दुरुपयोग कर पीड़ित परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है।
मुख्य आरोप:
- धमकी और जबरन वसूली:
- पीड़ित के पिता को जबरदस्ती थाने बुलाकर डराया-धमकाया गया।
- उनसे कहा गया कि वे अपनी संपत्ति बेच दें और ₹3,00,000 की अवैध मांग की गई।
- झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी गई।
- झूठे कानूनी मामले और एफआईआर का दुरुपयोग:
- बिना किसी कानूनी आधार के साइबर सेल, बागपत द्वारा पीड़ित के पिता के खिलाफ नोटिस जारी किया गया।
- पुलिसकर्मियों ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर झूठे मुकदमे दर्ज कराए।
- ट्विटर पोस्ट के आधार पर साजिश:
- पीड़ित ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद के लिए ट्वीट किया था।
- इस ट्वीट के बाद, पुलिसकर्मियों ने पीड़ित को फंसाने की कोशिश की।
- जिस व्यक्ति की मदद के लिए ट्वीट किया गया था, उसके विरोधी से मिलकर पुलिसकर्मियों ने पीड़ित पर ₹1 करोड़ रुपये का नोटिस भेज दिया।
- पांचों पुलिसकर्मी पीड़ित को धमका रहे हैं कि “हमसे दुश्मनी करना तुम्हें बहुत महंगा पड़ेगा।”
कानूनी कार्रवाई:
पीड़ित ने न्याय पाने के लिए जनपद गाजियाबाद में धारा 173(4) BNSS Act 2023 एवं धारा 210 BNSS Act 2023 के तहत मामला दर्ज कराया है।
झूठे आरोप लगाने वाले अधिकारी और अन्य व्यक्ति:
- राकेश कुमार शर्मा – पूर्व प्रभारी, थाना कोतवाली, जिला बागपत (वर्तमान सर्विसलॉन्स प्रभारी, बागपत)।
- रामकुमार कुन्तल – उपनिरीक्षक, थाना कोतवाली, जिला बागपत।
- अखिलेश शर्मा – आरक्षी, थाना कोतवाली, जिला बागपत।
- विपिन कुमार – उपनिरीक्षक, थाना बिनौली, जिला बागपत।
- प्रदीप ढोडियाल – निरीक्षक, साइबर क्राइम, जिला बागपत।
- अक्षय शर्मा – न्यूज़पेपर डिस्ट्रीब्यूटर, निवासी मौहल्ला ठाकुर द्वारा, बागपत।
न्याय की मांग
यह मामला न्याय प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हम सरकार और न्यायपालिका से निवेदन करते हैं कि:
✅ इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
✅ दोषी पुलिसकर्मियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
✅ पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।
हमारी अपील:
यदि आप भी किसी प्रकार के कानूनी उत्पीड़न या अन्याय का शिकार हो रहे हैं, तो चुप न रहें। अपनी आवाज उठाएं और कानूनी सहायता प्राप्त करें।
📢 न्याय के लिए एकजुट हों! अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं!