
मुजफ्फरपुर। जिस विषय की पढ़ाई स्नातक में नहीं होती है, उसकी परीक्षा हो गई और रिजल्ट भी जारी कर दिया गया है। रिजल्ट जारी होने के बाद देखा गया कि जिस विषय का रिजल्ट आया है वह तो यूनिवर्सिटी में है ही नहीं। आनन-फानन अब छात्रों का रिजल्ट रोका गया है। यह मामला बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी (BRABU) का है। वैशाली जिले के दो कॉलेजों के 500 से अधिक छात्र अब अपने रिजल्ट के लिए परेशान हैं। इसे परीक्षा बोर्ड में लेकर जाने पर विचार किया जा रहा है।
बीआरएबीयू के डिप्टी कंट्रोलर डॉ आनंद दुबे का कहना है कि कॉलेजों की गलती से ऐसा हुआ है। कॉलेजों ने फॉर्म भरकर उसे चेक नहीं किया और गलत फॉर्म विश्वविद्यालय को भेज दिया। बीआरएबीयू में अभी स्नातक प्रथम सेमेस्टर का रिजल्ट आया है। इस रिजल्ट में वैशाली के दो अंगीभूत कॉलेजों के छात्रों ने 2 ऐसे विषयों की परीक्षा दी, जिनकी पढ़ाई यूनिवर्सिटी में नहीं होती है।
ग्रेजुएशन कोर्स के प्रथम सेमेस्टर में सोशल साइंस के एमडीसी में जूलॉजी और बॉटनी का विषय नहीं लिया जाता है। इसकी जगह छात्रों को डायवर्सिटी ऑफ कोर डाटा और फिजियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलाजी विषय लेना था, लेकिन छात्रों के फॉर्म में जूलॉजी और बॉटनी लिख दिया गया। छात्रों का एडमिट कार्ड एवं उनकी परीक्षा होकर रिजल्ट भी जारी कर दिया गया।
मामला सामने आने पर दोनों कॉलेज के छात्र विश्वविद्यालय पहुंचे थे। बताया गया कि कॉलेजों की गलती से रिजल्ट फंस गया है। कई कॉलेजों द्वारा छात्रों का सब्सिडियरी विषय गलत भरने का मामला सामने आया है। ऐसे छात्रों की डिग्री फंस रही है। डिप्टी कंट्रोलर डॉ रेणु बाला का कहना है कि विज्ञान के कुछ छात्रों के साथ ऐसा हुआ है। हालांकि, परीक्षा बोर्ड का निर्णय आ चुका है। छात्रों को डिग्री दी जा रही है।