
पुलिसकर्मियों ने शुरू की सुलहा प्रक्रिया; संवेदनाओं ने थामा रिश्तों का हाथ, शराब से तौबा कर पत्नियों संग लौटे पति
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में इस वक्त पुलिसकर्मियों ने एक नई प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें वह पति- पत्नी के विवाद को सुलझा रहे हैं। पूरी खबर के लिए पढ़िए एनसीएफबी न्यूज़ की ये रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद से एक बड़ी खबर सामने आई है, जो आपको हैरान कर देगी। बता दें कि पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा के निर्देशन में महिला थाना लखीमपुर खीरी की प्रभारी निरीक्षक श्रद्धा सिंह एवं काउंसलरों की टीम ने पारिवारिक विखंडन की कगार पर पहुंचे और रिश्तों को संवाद, संयम और सहमति से नया जीवन देने का प्रेरणादायक कार्य किया है
काउंसलर सुश्री कुसुम गुप्ता ने किया आरंभ
एनसीएफबी न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार महिला थाने में प्रस्तुत 19 पारिवारिक विवादों में, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा तथा शराब के नशे में की जाने वाली मारपीट जैसे गम्भीर मुद्दे सामने आए। इन मामलों पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार करते हुए काउंसलर सुश्री कुसुम गुप्ता, कय्यूम ज़रवानी, तथा अन्य पुलिसकर्मियों की सहायता से सुलह की प्रक्रिया आरंभ की गई।
10 जोड़ों के बीच संवाद की खामोशी टूटी
इस पहल का फलस्वरूप 10 जोड़ों के बीच संवाद की खामोशी टूटी, और पतियों ने सार्वजनिक रूप से शराब त्यागने की प्रतिज्ञा कर अपनी पत्नियों से क्षमा याचना की। पत्नियों ने भी अपने आहत मन को क्षमा की चादर से ढंककर, घर वापसी का निर्णय लिया। जिन मामलों में मनमुटाव की गांठें गहरी थीं, वहां दोनों पक्षों की सहमति से उन्हें सोचने और आत्ममंथन का समय दिया गया है।
इस सुलह यात्रा में मुख्य आरक्षी सीता और महिला आरक्षी बबली पवार का सहयोग अत्यंत सराहनीय रहा।यह पहल न केवल टूटते परिवारों को जोड़ने का प्रयास है, बल्कि समाज में व्याप्त व्यसनों के विरुद्ध एक नैतिक संदेश भी है कि जहां संवाद है, वहां समाधान भी संभव है।
चार साल में आठ गुना बढ़े पति-पत्नी के विवाद मामले
उत्तर प्रदेश में पति- पत्नी के विवाद मामले आए दिन आते रहते हैं और संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। जिसके लिए महिला थाने के पुलिस कर्मियों ने यह अभियान चालकर एक अच्छे कदम की और बढ़ रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो बीते चार साल में पति-पत्नी के विवाद से जुड़े मामलों में आठ गुना तक बढ़ोतरी हुई है। इनमें से 20-30 फीसदी मामले तलाक तक पहुंच चुके हैं।
वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक चंचल गंगवार के मुताबिक, साल 2021-22 में दंपती के बीच विवाद के 141 मामले दर्ज किए गए थे, जो साल 2022-23 में कम दर्ज हुए और 370 मामले सामने आए। लेकिन एकदम से साल 2023-24 में मामले में इजाफा हुआ और 749 मामले दर्ज हुए। वहीं 2024-2025 में 1201 मामले वन स्टॉप सेंटर आ चुके हैं।