
बिक्रमगंज: पीएम मोदी आज बिहार चुनाव का शंखनाद करने जा रहे हैं. वह बिहार के बिक्रमगंज से चुनाव का बिगुल फूंकेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां करोड़ों रुपए की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. यहां वह भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का बखान करेंगे. अब सवाल है कि आखिर पीएम मोदी ने अपनी रैली के लिए पूरे बिहार में बिक्रमगंज को ही क्यों चुना? चलिए जानते हैं पर्दे के पीछे की कहानी.
बीजेपी सूत्रों की मानें तो बिक्रमगंज चुनने का मकसद बहुत सियासी है. प्रारंभिक आकलन में यह पाया गया कि बिक्रमगंज में विधानसभा और लोकसभा सीटों का पिछला रिकॉर्ड बीजेपी के लिए अनुकूल नहीं रहा है. इतना ही नहीं, पूरे मगध-शाहाबाद क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर है. इसमें बिक्रमगंज भी शामिल है. यह बेल्ट 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव दोनों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की राह में रोड़ा रही है.
पिछले साल के लोकसभा चुनाव में एनडीए को बिहार में 10 सीटों का नुकसान हुआ था. इनमें से सात सीटें मगध-शाहाबाद बेल्ट की थीं. बिक्रमगंज काराकाट विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है. यहां 2020 में भाजपा को सीपीआई (एमएल) एल ने हरा दिया था. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के अरुण सिंह ने 82,700 वोट हासिल कर भाजपा के राजेश्वर राज को हराया था. भाजपा को 64,511 वोट मिले थे.
पर्दे के पीछे की कहानी
अगर यह सिर्फ एक सीट की बात होती तो प्रधानमंत्री को इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होती. हकीकत तो यह है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार शाहाबाद और मगध क्षेत्र के जहानाबाद, पाटलिपुत्र, बक्सर और काराकाट लोकसभा क्षेत्रों में एक भी विधानसभा सीट नहीं जीत पाए थे.
क्यों खास है यह इलाका
शाहाबाद में चार लोकसभा सीटें हैं- आरा, सासाराम, करकट, बक्सर. और मगध में चार लोकसभा सीटें हैं- पटना, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, नवादा. शाहाबाद-मगध क्षेत्र में 55 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से एनडीए केवल 10 सीटों पर जीत हासिल कर सका था. इन 10 सीटों में से बीजेपी ने पांच जीतीं, जबकि बाकी सहयोगियों ने जीती थीं.
चुनाव से पहले की कोशिश
यही वजह है कि बिहार चुनाव से सिर्फ पांच महीने पहले बीजेपी ने अपने सबसे बड़े फेस पीएम नरेंद्र मोदी कोसामने रखा है. वह इस क्षेत्र को राष्ट्रवाद और बिहार के विकास के मिश्रण से लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. कोई आश्चर्य नहीं कि बड़े-बड़े पोस्टरों पर सिर्फ मोदी का चेहरा और “ना देश झुकेगा, ना बिहार का विकास रुकेगा” जैसे नारे हर कोने में दिखाई दे रहे हैं, पारंपरिक ‘सुशासन बाबू’ नीतीश कुमार की तस्वीर को छोड़कर.
बीजेपी का जीत वाला दांव
यही वजह है कि बिहार चुनाव से सिर्फ पांच महीने पहले बीजेपी ने अपने सबसे बड़े फेस पीएम नरेंद्र मोदी कोसामने रखा है. वह राष्ट्रवाद, पाकिस्तान संग हुए संघर्ष और बिहार के विकास के कॉकटेल के जरिए इस क्षेत्र को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. कोई आश्चर्य नहीं कि केवल मोदी के चेहरे वाले बड़े पोस्टर और ‘न देश झुकेगा, न बिहार का विकास रुकेगा’ जैसे नारे हर गली-मोहल्ले में सजे हुए हैं, जबकि ‘सुशासन बाबू’ नीतीश कुमार की तस्वीर को दरकिनार कर दिया गया है.
पीएम मोदी क्या-क्या सौगात देंगे
पीएम मोदी इस क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने के लिए विकास परियोजनाओं की घोषणा करने वाले हैं. वे बिक्रमगंज से 48,500 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. बिक्रमगंज मगध-शाहाबाद क्षेत्र के केंद्र में है. पटना-गया-डोभी चार लेन, गोपालगंज में एलिवेटेड रोड, सासाराम में अनुग्रह नारायण रोड तक स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग जैसी कई अन्य परियोजनाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी इस क्षेत्र के वोटरों का विश्वास जीतने की कोशिश करेंगे.