
पटना: पटना में एक बार फिर कोरोना संक्रमण की आहट सुनाई दे रही है. बीते कुछ दिनों से लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं, जिससे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ गई है. बुधवार को राजधानी के दो अलग-अलग इलाकों कंकड़बाग और बजरंगपुरी से दो मरीजों में कोविड संक्रमण की पुष्टि हुई. 39 वर्षीय एक व्यक्ति कंकड़बाग से है जबकि 55 वर्षीय दूसरा मरीज आलमगंज थाना क्षेत्र के बजरंगपुरी से है. दोनों की जांच कंकड़बाग स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पास एक निजी लैब में हुई थी.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, फिलहाल पटना में कुल नौ एक्टिव केस हैं, जिनमें से चार एम्स पटना में भर्ती हैं और चार लोग होम आइसोलेशन में निगरानी में रखे गए हैं. तीन मरीज अब तक पूरी तरह ठीक हो चुके हैं.
वैशाली की महिला में ऑपरेशन से पहले मिला संक्रमण
कोरोना संक्रमण सिर्फ पटना तक सीमित नहीं है. वैशाली जिले के महनार प्रखंड की एक 58 वर्षीय महिला, जिन्हें हर्निया की शिकायत पर पटना AIIMS में भर्ती किया गया था, उनमें ऑपरेशन से पहले रूटीन जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई. महिला को 20 मई को एम्स लाया गया था और 23 मई को उनका ऑपरेशन किया गया था.
IGIMS और NMCH में बढ़ी सतर्कता
कोविड के फिर से बढ़ते मामलों को देखते हुए IGIMS और NMCH जैसे प्रमुख अस्पतालों ने जांच प्रक्रिया को फिर से तेज कर दिया है. IGIMS के वरिष्ठ डॉक्टरों के मुताबिक, गंभीर मरीजों का ऑपरेशन से पहले कोविड टेस्ट अब अनिवार्य किया गया है. NMCH के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भी पिछले तीन दिनों से रूटीन जांच की जा रही है. फिलहाल पुरानी बची हुई किट्स का उपयोग कर 12 सैंपल की जांच चल रही है.
स्वास्थ्य कर्मी भी चपेट में
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि अब तक सामने आए मरीजों में किसी का भी हालिया यात्रा इतिहास नहीं है. संक्रमितों में दो डॉक्टर और दो नर्स शामिल हैं, जो एम्स में कार्यरत हैं. अन्य मरीजों में कंकड़बाग, रूपसपुर, ICAR परिसर और NMCH से भी लोग शामिल हैं.
लक्षणों के साथ होम आइसोलेशन में इलाज
जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है, वे सर्दी, खांसी, बदन दर्द और हल्के बुखार जैसे लक्षणों के साथ घर पर ही इलाज ले रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार संपर्क में हैं और निगरानी जारी है.