
बैंक फ़्रॉड : अगर आपका पैसा बैंक में जमा है तो सावधान हो जाएं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कुछ ऐसे आंकड़े आए हैं। जिसे सुनकर डर पैदा हो रहा है। बैंकों में रखी रकम को कर्ज के तौर पर लोगों को दिया जाता है लेकिन हर साल वहां भी जमा रकम पर धोऱाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में किसी का पैसा भी वहां सुरक्षित नहीं दिख रहा है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान बैंक धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन इनकी रकम में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। अपराधियों ने बैंक धोखाधड़ी के जरिए 36,014 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2025 में खत्म हुए इस वित्त वर्ष में बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी की 23,953 घटनाएं हुईं हैं। यह वित्त वर्ष 2024 से 34 फीसदी कम है। हालांकि, धोखाधड़ी में शामिल राशि बढ़कर 36,014 करोड़ रुपये हो गई है। ज्यादातर मामले डिजिटल भुगतान में हुए हैं। केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार बीते वित्त वर्ष में निजी क्षेत्र के बैंकों ने धोखाधड़ी के ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। लेकिन सरकारी बैंकों का धोखाधड़ी की राशि में अधिकतम योगदान रहा है।
हजारों करोड़ का नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले 2024-25 के दौरान रिपोर्ट की गई कुल धोखाधड़ी में शामिल राशि में बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण पिछले वित्त वर्षों के दौरान रिपोर्ट किए गए 18,674 करोड़ रुपये की राशि के 122 मामलों का फिर से धोखाधड़ी के रूप में शामिल किया गया है। यह कदम 27 मार्च, 2023 को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से हुआ है। इन मामलों की दोबारा जांच की गई और चालू वित्त वर्ष के दौरान इन्हें नए सिरे से रिपोर्ट किया गया है। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि रिपोर्ट किए गए डेटा 1 लाख रुपये और उससे ज़्यादा की धोखाधड़ी के लिए हैं। इसके अलावा, एक साल में रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी रिपोर्टिंग के साल से कई साल पहले हुई हो सकती है।
प्राइवेट और सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी
वित्त वर्ष 2025 में निजी क्षेत्रों के बैंकों ने धोखाधड़ी के सबसे ज़्यादा 14,233 मामले दर्ज किए हैं। यह बैंकिंग सेक्टर के सभी मामलों का 59.4 फीसदी है। सरकारी बैंकों ने 6,935 मामले (29 प्रतिशत) दर्ज किए, लेकिन इसमें शामिल राशि 25,667 करोड़ (कुल का 71.3 प्रतिशत) ज़्यादा थी जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों ने 10,088 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।
सरकारी बैंकों में लोन के माध्यम से हुआ सबसे ज्यादा फ्रॉड
आरबीआई ने रिपोर्ट में कहा कि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में दर्ज फ्रॉड की संख्या में कार्ड/इंटरनेट धोखाधड़ी का सबसे ज्यादा हिस्सा था। वहीं सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी मुख्य रूप से लोन सेगमेंट में था। इसमें कहा गया है कि लोन से संबंधित धोखाधड़ी संख्या के हिसाब से 33 फीसदी से ज्यादा मामलों और वैल्यू के हिसाब से 92 फीसदी से ज्यादा मामलों के लिए जिम्मेदार है। पिछले वित्त वर्ष के अंत तक कार्ड और इंटरनेट धोखाधड़ी श्रेणी के तहत संख्या के हिसाब से 13,516 धोखाधड़ी के मामले थे, जो कुल 23,953 धोखाधड़ी का 56.5 फीसदी है।